खालसा कालेज में भाषा व भाषा विज्ञान में वर्तमान रुझान की महत्ता पर सेमिनार करवाया गया

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अमृतसर 15 मार्च

खालसा कालेज के अंग्रेजी विभाग की ओर से भाषा व भाषा विज्ञान की महत्ता में वर्तमान रुझान पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें भाषिक न्याय व लुप्त हो रही भाषाओं के सेंटर के डायरेक्टर व नेशनल यूनिवर्सिटी आफ लॉ नई दिल्ली के विद्वान डा. प्रसन्नांशु ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की जबकि कालेज प्रिंसिपल डा. महल सिंह प्रोग्राम में मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए।

प्रोग्राम का आगाज कालेज शबद से किया गया। इसके बाद प्रो. सुपनिंदरजीत, विभाग मुखी की ओर से कालेज के शानदार इतिहास व विरासती इमारत पर प्रकाश डाला गया। प्रो. सुपनिंदरजीत ने मुख्य मेहमान का स्वागत किया व कहा कि कालेज अपने विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि के लिए अक्सर ऐसे सेमिनार का आयोजन करता है। प्रो. मलकिंदर सिंह ने वक्ता डा. प्रसन्नांशु की जान पहचान करवाई। इस अवसर पर प्रिंसिपल डा. महल सिंह ने भाषा व साहित्य की सामाजिक जरूरत से अवगत करवाया तथा श्रोताओं को साहित्यिक सरगमि्रयों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर प्रो. प्रसन्नांशु ने अलग अलग विषयों में भाषा व भाषा विज्ञान की बढ़ रही जरूरत व महत्ता पर जोर देते हुए भाषा विज्ञान विधियों को सच व ज्ञान की प्राप्ति का साधन बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को भाषा विज्ञान को अ लग अलग क्षेत्र में रोजगार के व्यवसाय के रूप में प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब बड़ी गंभीरता से दिए। इस प्रोग्राम का मंच संचालन का काम प्रो. मलकिंदर सिंह ने बखूबी निभाया।

इस अवसर पर प्रो. सुपनिंदरजीत कौर, डा. सावंत सिंह मंटो, प्रो. दलजीत सिंह, डा. ममता महिंदरू, प्रो. विजय बरनाड, डा. जसविंदर कौर, प्रो. पूजा कालिया, प्रो. गुरप्रीत सिंह, प्रो. हर्ष सलारिया, प्रो. सौरभ मेघ, परनीत ढिल्लो आदि मौजूद थे।

कैप्शन

खालसा कालेज में करवाए गए सेमिनार के अवसर पर प्रो. मलकिंदर सिंह कालेज की यादगारी तस्वीर डा. प्रसन्नांशु को भेंट करते हुए सम्मानित करते हुए साथ है डा. सावंत सिंह मंटो व अन्य

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