आस्ट्रेलिया में चार बार किए गए सफर के दौरान वहां की महत्वपूर्ण जानकारियों को उक्त पुस्तक में कलमबद्ध किया

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अमृतसर 20 अक्टूबर

बंदे दी वुक्त ए जित्थे पुस्तक लोकार्पित करते हुए डीएस रटौल, दीप दविंदर सिंह, हरमिंदर सिंह, मनमोहन सिंह ढिल्लो, डा. सुरेश चौहान व अन्य

कॉलम नवीस मनमोहन सिंह ढिल्लो ने आस्ट्रेलिया में अपने जीवन के सुनहरे सफर को यादगार बनाते हुए वहां घूमने फिरने के मिले कुछ समय के दौरान अहम पहलुओं को बंदे दी वुक्त ए जित्थे शीर्षक के तहत पुस्तक में पिरोकर अपने अनुभव को सांझा किया है। इस संबंधी ढिल्लो के गृह मजीठा रोड में करवाए गए समारोह क े दौरान केंद्रीय सभा के सचिव कथाकार दीप देविंदर सिंह, खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल के अंडर सेक्रेटरी डीएस रटौल, महिंदर सिंह ढिल्लो, डा.  सुरेश चौहान द्वारा उक्त पुस्तक को लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर ढिल्लो ने बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने आस्ट्रेलिया में चार बार किए गए सफर के दौरान वहां की महत्वपूर्ण जानकारियों को उक्त पुस्तक में कलमबद्ध किया। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करना मुख्य लक्ष्य रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि  उक्त पुस्तक पाठकों की उम्मीद पर खरा उतरती हुई उनके ज्ञान में वृद्धि करेगी। उन्होंने पुस्तक के बारे बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने उक्त के अलावा बंदे दी वुक्त समय की कदर व पैसों के मूल्य वाला देश, महिलाओं के लिए विश्व भर में सुरक्षित देश, जहां हार्न मारना गाली समझा जाता, सेवा का संकल्प, शराब के ठेके, कसीनो, खरीदोफरोख्त आदि जीवन के अनुभवों के बारे जिक्र किया गया है।

इस अवसर पर दीप देविंदर सिंह ने पुस्तक के बारे कहा कि पुस्तक ढिल्लो आस्ट्रेलिया जैसे विकासशील मुल्क भौगोलिक, सभ्याचारिक, आर्थिक व सामाजिक जीवन जांच पर बहुत उच्च दर्जे की अंदर दृष्टि डालता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर पुस्तक सभ्याचार, गांवों की जीवन शैली, मानवीय कदर कीमतों के बारे िढल्लो बहुत उच्च दर्जे की जानकारी ही नहीं देता, बल्कि भाषाई जुगत के माध्यम से पढ़ने वाले अंगुली पकड़ कर साथ साथ भी चलता है।

इस अवसर पर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से हरमिंदर सिंह टीना व रटौल ने संयुक्त तौर पर ढिल्लो को पुस्तक लोकार्पित करने के समय बधाई देते हुए कहा कि बाहरी देशों की खूबसूरती व प्रवास व्यतीत करती वर्तमान पीढ़ी जैसे विषयों से हट कर लिखित उक्त पुस्तक विद्यार्थियों के लिए लाभदायक जानकारी प्रदान करते हुए उनके ज्ञान में वृद्धि करेगी।

इस दौरान डा. मोहन, हरपाल सिंह नागरा, हरजीत संधू, जसवंत सिंह जस्स, कुलजीत वेरका, जगतार सिंह लांबा ने ढिल्लो को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे साहित्यिक समारोह व पुसतक मातृ भाषा की तरक्की का सबब बनती है।