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हिन्दुस्तान के पहले ‘मनीचेंजर’ ने आखिरी सांस ली

अमृतसर,15 जुलाई : हिन्दुस्तान के पहले मनीचेंजर , केन्द्रीय आर्य सभा (रजि.) , द बुलियन ओरनामेंट मर्चेंट वेलफेयर एसोसिएशन व दयानंद फ्री हास्पिटल के प्रधान दर्शन कुमार मेहरा की जिंदगी में 10 मार्च 1933 ,15 अगस्त 1947 व 13 जुलाई 2020 की तारीखें उनके जीवन काल का इतिहास बन गया। 1933 में जन्म, आजादी के दिन पिता मेला राम को गोलियां मार कर अंग्रेजों ने कटड़ा सफेद में ‘शहीद’ कर दिया

पिता की शहादत के बाद 13 जुलाई 2020 को आखिरी सांस लेने तक उनका ऐसा इतिहास है जो कि मानवता का धर्म सबको सिखाता है।
दर्शन कुमार ने 14 साल की उम्र में ऐसी जिम्मेदारी परिवार की निभाई कि घर के मुखिया, बाजार के मुखिया और समाज के मुखिया बन गए। सदैव दूसरों के भला के लिए आगे रहे। हिन्दुस्तान के पहले मनीचेंजर बनने का इतिहास उन्होंने 1952 में रचा। होटल व्यवसाय के पुराने सफल खिलाड़ी रहे वहीं आर्य समाज शक्ति नगर की दिशा व दशा बदलने में उनका योगदान रहा। व्यापार मंडल के प्रहरी रहे जब तक रहे दूसरो के लिए जीये। 188 बसंत एवेन्यू में आखिरी सांस 13 जुलाई को ली तो कोरोना के संकटकाल में सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई। 16 जुलाई को उनका चौथा है, आओ मिलकर उन्हें दिल से घर से ही ‘नमन’ करे।

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