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विशेष अदालत की तरफ से 50 हज़ार की रिश्वत लेने वाले सहायक ज़िला ख़ज़ाना अधिकारी और उसके साथी को 7-7 साल की कैद

चंडीगढ़ 21 फरवरीः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनाई ज़ीरो टालरैंस नीति के अंतर्गत पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की मुहिम के अधीन आज मानसा की विशेष अदालत ने सहायक ज़िला ख़ज़ाना अफ़सर मानसा गुरप्रीत सिंह और उसके एक साथी आत्मा सिंह निवासी कोटड़ा ज़िला मानसा को रिश्वतखोरी केस में सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है।

आज यहाँ यह जानकारी देते हुए पंजाब ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता गुरजीत कौर निवासी मानसा कैंचियाँ, ज़िला मानसा ने विजीलैंस के पास शिकायत करके बताया था कि उसके पति हरिन्दर सिंह पटवारी की मौत हो जाने के उपरांत उसके वेतन सम्बन्धी बकाए का सात लाख रुपए का बिल पास करने के एवज में उपरोक्त सहायक ज़िला ख़ज़ाना ख़ज़ाना अफ़सर ने आत्मा सिंह निवासी कोटड़ा ज़िला मानसा के साथ मिलीभुगत करके 50 हज़ार रुपए रिश्वत की माँग की थी।

इस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए विजीलैंस ब्यूरो ने जाल बिछाया और सहायक ज़िला ख़ज़ाना अफ़सर और उसके साथी को 50 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुये 27-07-2015 को दो सरकारी गवाहों की मौजुदगी में गिरफ़्तार कर लिया था और दोनों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना बठिंडा रेंज बठिंडा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
इस रिश्वतखोरी मुकदमे की पूरी तनदेही के साथ पैरवी करते हुये विजीलैंस ब्यूरो ने मुकदमे का चालान पेश करने के उपरांत गवाहियां मुकम्मल करवाई गई जिसके आधार पर आज विशेष अदालत के अतिरिक्त ज़िला और सैशन जज श्री मनदीप सिंह ढिल्लों ने उक्त दोनों दोषियों को इस केस में सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके उपरांत विजीलैंस ब्यूरो यूनिट मानसा की टीम की तरफ से दोनों दोषियों को ज़िला जेल मानसा में बंद करवाया गया।

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