Site icon Live Bharat

गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजेस मैनेजमेंट फेडरेशन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष तीखा करने का लिया संकल्प

अमृतसर 20 फरवरी

पंजाब सरकार द्वारा गैर सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर थोपे जा रहे मनमर्जी के फैसलों के खिलाफ गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज मैनेजमेंट फेडरेशन की कार्यकारिणी कमेटी की बैठक हंस राज महिला महा विद्यालय जालंधर में हुई। मीटिंग में उच्च शिक्षा विभाग पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तावित केंद्रीय कृत ऑनलाइन पोर्टल को नकारते इस पर दाखिले ना करने संबंधी  फैसला लेते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया गया।उन्होंने कहा कि कॉलेज पहले ही विद्यार्थियों की सुविधा के लिए अपने तौर पर ऑनलाइन दाखिले करवा रहे हैं तथा प्रदेश सरकार को उनको केंद्रीय कृत दाखिले के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। उन्होंने इस पोर्टल को भेदभाव से भरा तथा खामियों वाला बताया क्योंकि पहले ही B.Ed कॉलेजों तथा ला कॉलेजों में इस तरह केंद्रीय कृत दाखिले सफल नहीं हुए हैं।फेडरेशन प्रधान रजिंदर मोहन सिंह छीना की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अब समय आ गया है कि दाखिला पोर्टल को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष को और तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि फैसला  प्राइवेट यूनिवर्सिटी  को फायदा पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है, जिससे एडिड कालेजों का नुकसान होगा तथा विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानी बढ़ेगी।इस अवसर पर कॉलेज अध्यापकों के 58 साल की आयु में सेवा मुक्त करने के बारे प्रदेश सरकार के फैसले की आलोचना की गई। इस अवसर पर फेडरेशन ने सरकार को अपना फैसला वापस लेने के लिए अपील की तथा कहा कि यदि सरकार ने फैसला वापस न लिया तो मैनेजमेंट अध्यापकों को सेवाओं से बर्खास्त करने के लिए मजबूर होगी । जिससे अध्यापकों को अनावश्यक मुकदमों में सरकार उड़ जाएगी तथा इससे परेशानियां बढ़ेंगी तथा उच्च शिक्षण संस्थाओं में बड़े स्तर पर हाहाकार मच आएगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

इस अवसर पर कार्यकारिणी ने उच्च शिक्षा को दरपेश मुश्किलों संबंधी विचार चर्चा की, जिसमें फेडरेशन के मीत प्रधान रमेश कुमार कोड़ा, महासचिव एसएम शर्मा, सचिव अगनीश ढिल्लों, सलाहकार रविंद्र जोशी, प्रिंसिपल डॉक्टर खुशविंदर कुमार, डॉक्टर महल सिंह आदि मौजूद थे । उन्होंने सर्वसम्मति से मुद्दों पर सरकार के अड़ियल रवैया की निंदा करते हुए ऐलान किया कि कोई भी कॉलेज भेदभाव भरे केंद्रीय कृत दाखिला पोर्टल में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गुणों तथा नतीजों को जाने बिना इसको मनमाने ढंग से लागू किया जा रहा है। राजिंदर मोहन सिंह छीना ने पूछा की केंद्रीय कृत पोर्टल की की क्या जरूरत है। जब कॉलेजों में बहुत सी सीटें उपलब्ध हैं तथा विद्यार्थियों की कमी है, क्योंकि पंजाब के युवा विदेशों को जा रहे हैं। इस अवसर पर एसएम शर्मा ने कहा कि ऐसे पोर्टल के लिए किसी भी कॉलेज मैनेजमेंट विद्यार्थियों द्वारा कोई मांग नहीं की जा रही है वो फिर इसको कॉलेजों पर क्यों थोपा जा रहा है। इस अवसर पर कार्यकारिणी सदस्यों ने दोहराते हुए कहा कि पंजाब सरकार की सहायता स्कीम में 95 प्रतिशत ग्रांटों को असल रूप में लागू किया जाना चाहिए।कॉलेज अध्यापकों की सेवा नियमों के साथ छेड़छाड़ का हर हालत पर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय कृत दाखिले  के खिलाफ है ना कि ऑनलाइन दाखिल के, क्योंकि अलग-अलग कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।

Exit mobile version