इस दौरान मीडिया से बात करते हुए डॉ गोयल ने विस्तार से बताया कि बाईपास सर्जरी के बाद हार्ट वॉल्व सर्जरी दूसरा सबसे आम ऑपरेशन है।
उन्होंने कहा कि बर्थ डिफेक्ट, संक्रमण और बढ़ती आयु जैसे विभिन्न कारणों से हृदय वाल्व की समस्या हो सकती है। भारत में रूमेटिक हृदय रोग सबसे आम कारण बना हुआ है। रोगियों में आमतौर पर सांस या पल्पिटेशन की समस्या होती है। बीमारी के शुरुआती चरण में दवाओं के साथ इलाज करने की कोशिश की जाती है लेकिन अंततः हृदय वाल्व सर्जरी की आवश्यकता होती है ।
उन्होंने आगे बताया कि सर्जरी के दौरान क्षति की गंभीरता के आधार पर वाल्व की मरम्मत की जा सकती है या उसे बदला जा सकता है।
डॉ गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब वॉल्व का ऑपरेशन छोटे-छोटे कट से और बिना ऑपरेशन के भी संभव है। उन्होंने कहा कि अमृतसर में अब यह नवीनतम तकनीक उपलब्ध है।
इस अवसर पर वॉल्व का सफल ऑपरेशन करा चुके पेशेंट ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया हैं कि कैसे वे सर्जरी से डरते थे लेकिन ऑपरेशन के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं।
इस दौरान संजय राय, फैसिलिटी डायरेक्टर ने कहा कि आईवीवाई अस्पताल, इस क्षेत्र में सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हार्ट वॉल्व का ऑपरेशन छोटे-छोटे कट से व बिना ऑपरेशन के भी संभव : एक्सपर्ट
