यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की फटकार कहा मुठभेड़ का सहारा न ले

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नयी दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएस चौहान को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और उसके बाद गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच सहयोगियों की मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के उत्तर प्रदेश सरकार के मसौदे को मंजूदी दे दी। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि जांच आयोग एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू कर दे और जांच को दो महीने के भीतर समाप्त कर लिया जाए। जांच आयोग के अन्य दो सदस्यों के रूप में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के एल गुप्ता होंगे।पीठ ने कहा कि जांच आयोग कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट के तहत अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ राज्य सरकार को भी सौंपेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच आयोग द्वारा की जाने वाली जांच का दायरा पर्याप्त होना चाहिए।

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत आयोग के हाथों को बांधने के पक्ष में नहीं है इसमें कहा गया है कि आयोग को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और उसके बाद हुई मुठभेड़ों में दुबे और उसके कथित सहयोगियों के मारे जाने की घटनाओं की जांच करनी होगी। पैनल उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा जिनके तहत गैंगस्टर विकास दुबे को जमानत पर रिहा किया गया था, जबकि उसके ऊपर 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। सुप्रीम कोर्ट कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।