किसानों पर गिरा दुखों का पहाड़ दो और किसान हुए शहीद

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दिल्ली किसान संघर्ष से वापिस आ रहे किसानों का नीलोखेड़ी रोड पर हुआ एक हरियाणा नंबर ट्रक से एक्सीडेंट जिसमें 8 किसान हुए गंभीर रूप में जख्मी और एक किसान जिसकी उम्र 70 साल बताई जा रही है उसकी हुई मौत और उसी के साथ एक 22 साल के नौजवान की भी इस हादसे में हुई मौत वही जख्मी किसानों को पटियाला के अमर हस्पताल में इलाज के लिए करवाया गया दाखिल और इसे के साथ कुछ किसानों को पटियाला के सरकारी रजिंदरा अस्पताल में करवाया गया दाखिल वही किसानों ने बातचीत करते हुए बताया कि हम रात को दिल्ली संघर्ष से वापस आ रहे थे रास्ते में एक ट्रक ड्राइवर की आंख लगने से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह हमारे बीच आकर बजा जिससे हमारे 8 किसान गंभीर रूप में जख्मी हुए हैं जिन का इलाज चल रहा है पटियाला के अस्पतालों में और इसी के साथ एक 22 साल का नौजवान था जिसकी मौत हो गई है और एक 70 साल के किसान थे जिनकी इस हादसे में मौत हो गई है हम चाहते हैं कि यह सभी किसान गरीब परिवार से हैं इनके परिवार को मुआवजा दिया जाए और इनकी सहायता की जाए क्योंकि इनके बच्चे भी छोटे हैं वही मौके पर पहुंचे हल्का सनौर के विधायक हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि यह किसान हमारे परिवारों से हैं यह दिल्ली से वापस आ रहे थे घर जाने के लिए इनका सड़क हादसा हुआ है एक ट्रक ड्राइवर के साथ हम चाहते हैं कि इनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और सेंट्रल गवर्नमेंट को यह काले कानून वापस लेने चाहिए नहीं तो इस तरह कई किसानों की मौत हो जाएगी।

वही किसानों ने बातचीत करते हुए बताया कि हम रात को दिल्ली संघर्ष से वापस आ रहे थे रास्ते में एक ट्रक ड्राइवर की आंख लगने से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह हमारे बीच आकर बजा जिससे हमारे 8 किसान गंभीर रूप में जख्मी हुए हैं जिन का इलाज चल रहा है पटियाला के अस्पतालों में और इसी के साथ एक 22 साल का नौजवान था जिसकी मौत हो गई है और एक 70 साल के किसान थे जिनकी इस हादसे में मौत हो गई है हम चाहते हैं कि यह सभी किसान गरीब परिवार से हैं इनके परिवार को मुआवजा दिया जाए और इनकी सहायता की जाए क्योंकि इनके बच्चे भी छोटे हैं।वही मौके पर पहुंचे हल्का सनौर के विधायक हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि यह किसान हमारे परिवारों से हैं यह दिल्ली से वापस आ रहे थे घर जाने के लिए इनका सड़क हादसा हुआ है एक ट्रक ड्राइवर के साथ हम चाहते हैं कि इनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और सेंट्रल गवर्नमेंट को यह काले कानून वापस लेने चाहिए नहीं तो इस तरह कई किसानों की मौत हो जाएगी।